बेखयाली में भी तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फासले भी तेरे बेमिसाल आये
मैं जो तुमसे दूर हूँ
क्यूँ दूर मैं रहूँ?
तेरा गुरुर हूँ
आ तू फासला मिटा
तू ख्वाब सा मिला
क्यूँ ख्वाब तोड़ दूँ?
बेखयाली में भी तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ जुदाई दे गया तू ये सवाल आये
थोड़ा सा मैं खफा हो गया अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह ही मलाल आये
है ये तड़पन, है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये खुदा मेरे
ये जो लोग-बाग हैं
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूँ?
ये नाकाम प्यार में
खुश हैं हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ?
रातें देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूं कैसे तुझे
तू तो ख्यालों में साथ है
बेखयाली में भी तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
नज़र के आगे हर एक मंजर
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
नज़र के आगे हर एक मंजर
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
आ ज़माने आज़मा ले रूठता नहीं
फासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफा और ना मैं हूँ बेवफा
वो मेरी आदतों की तरह छूटता नहीं
Sachet Tandon - Bekhayali (from "kabir Singh") Şarkı Sözüne henüz yorum yapılmamış. Sachet Tandon - Bekhayali (from "kabir Singh") şarkı sözüne ilk yorumu siz yaparak katkıda bulunabilirsiniz.;